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भीमा कोरेगांव 16: करेंट अफेयर्स प्रश्न और उत्तर की व्याख्या

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आज के करेंट अफेयर्स: मानवाधिकार रक्षकों की एक दुखद गाथा

आज का करेंट अफेयर्स भारत में मानवाधिकार रक्षकों की दर्दनाक कहानी पर प्रकाश डालता है। यूएपीए के तहत बिना मुकदमा चलाए गिरफ्तार किए गए प्रसिद्ध कार्यकर्ता गौतम नवलखा का मामला न्याय के लिए लड़ रहे व्यक्तियों की गंभीर वास्तविकता को दर्शाता है। इसी तरह, सुधा भारद्वाज, आनंद तेलतुंबडे और अन्य की कहानियाँ उन चुनौतियों और अन्याय को उजागर करती हैं जो उत्पीड़न के खिलाफ बोलने का साहस करते हैं। ये आख्यान देश में स्वतंत्रता और न्याय के लिए चल रहे संघर्ष की याद दिलाते हैं।



**गौतम नवलखा को किस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया?**

– ए) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967
– बी) आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 2002
– सी) सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958
– डी) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980

उत्तर: ए) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967

**निम्नलिखित में से किस कार्यकर्ता की हिरासत के दौरान मृत्यु हो गई?**

-ए)सुधा भारद्वाज
– बी) आनंद तेलतुम्बडे
– सी) वरवरा राव
– डी) फादर स्टेन स्वामी

उत्तर: d) फादर स्टेन स्वामी

**कौन सा कार्यकर्ता नागपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर था?**

– ए) सुरेंद्र गाडलिंग
– बी) शोमा सेन
-सी)महेश राऊत
– डी) वर्नोन गोंसाल्वेस

उत्तर: बी) शोमा सेन

**दलित अधिकारों की वकालत करने और भारतीय जाति व्यवस्था के बारे में लिखने के लिए किसे जाना जाता है?**

– ए) अरुण फरेरा
– बी) अशोक तेलतुम्बडे
– सी) सुरेंद्र गाडलिंग
-डी)सुधा भारद्वाज

उत्तर: ए) अरुण फरेरा

कौन हैं गौतम नवलखा?

गौतम नवलखा दिल्ली स्थित एक कार्यकर्ता-लेखक हैं जो पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स से जुड़े रहे हैं। उन्होंने जैसे प्रकाशनों के साथ काम किया है आर्थिक और राजनीतिक साप्ताहिक और न्यूज़क्लिककश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे क्षेत्रों में दमनकारी कानूनों और सैन्यवाद की आलोचना।

गौतम नवलखा को क्यों गिरफ्तार किया गया?

31 दिसंबर, 2017 को भीमा कोरेगांव रैली के दौरान हिंसा भड़काने में शामिल होने के कथित सबूतों के आधार पर गौतम नवलखा को 28 अगस्त, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। उन पर एक साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था जिसके कारण जातीय हिंसा हुई।

गौतम नवलखा को कारावास के दौरान किन कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा?

गौतम नवलखा को अपनी कैद के दौरान कई कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा, जिसमें विभिन्न आधारों पर जमानत की अपील भी शामिल थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिसंबर 2023 में उन्हें यह कहते हुए जमानत दे दी कि एनआईए के इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि उन्होंने यूएपीए के तहत आतंकवादी कृत्य किया था।

कौन हैं शोमा सेन?

शोमा सेन एक अंग्रेजी प्रोफेसर और दलित एवं महिला अधिकार कार्यकर्ता हैं। वह नागपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थीं और उन्हें 6 जून, 2018 को यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था।

शोमा सेन पर क्या आरोप लगे?

शोमा सेन पर सरकार के खिलाफ “युद्ध छेड़ने”, हिंसा भड़काने, माओवादियों से संबंध रखने और भगोड़ों के लिए धन जुटाने का आरोप लगाया गया था। उन्हें नागपुर विश्वविद्यालय में उनके पद से निलंबित कर दिया गया और पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में समय बिताया गया।

महेश राऊत को क्यों गिरफ्तार किया गया?

वन अधिकार कार्यकर्ता महेश राउत को 6 जून, 2018 को माओवादी विचारधारा फैलाने, माओवादियों की भर्ती करने और धन मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने गढ़चिरौली के खनन क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों के साथ काम किया।

आज के करेंट अफेयर्स न्याय और स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले मानवाधिकार रक्षकों की कठिन यात्रा की झलक दिखाते हैं। चार साल की कैद के बाद गौतम नवलखा की हालिया रिहाई से लेकर शोमा सेन, सुधा भारद्वाज, आनंद तेलतुंबडे और अन्य जैसे कार्यकर्ताओं की चल रही कानूनी लड़ाई तक, संघर्ष जारी है। इस गाथा में गिरफ्तारियां, जमानत याचिकाएं और अदालती आदेश शामिल हैं जो दमनकारी व्यवस्था के खिलाफ खड़े लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करते हैं। इन व्यक्तियों की कहानियाँ विपरीत परिस्थितियों के बावजूद न्याय के लिए लड़ने के लचीलेपन और दृढ़ संकल्प को दर्शाती हैं। इन कार्यकर्ताओं की कानूनी लड़ाई और व्यक्तिगत बलिदान आज की दुनिया में मानवाधिकारों और लोकतंत्र की लड़ाई की याद दिलाते हैं।


The Bhima Koregaon 16: Current Affairs Question and Answers Explained



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