शुक्रवार, 6 दिसंबर को, सुरक्षा डायग्नोस्टिक के शेयरों ने अपेक्षाकृत सुस्त शुरुआत की। कंपनी का स्टॉक बीएसई पर 437 रुपये पर लिस्ट हुआ, जो इसके 441 रुपये के इश्यू प्राइस से 0.91 प्रतिशत डिस्काउंट है।
सुरक्षा डायग्नोस्टिक का आईपीओ 420-441 रुपये की प्राइस बैंड में सेल किया गया था, जिसमें 34 शेयरों का लॉट साइज था। हालांकि, लिस्टिंग ने उम्मीदों के विपरीत प्रदर्शन किया। ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) को देखते हुए इससे अधिक लाभ की उम्मीद थी।
यह आईपीओ 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और इसे कुल मिलाकर केवल 1.27 गुना सब्सक्राइब किया गया। यह आंकड़ा शुरुआती अनुमानों से कम है, जिसने निवेशकों की आकांक्षाओं को प्रभावित किया है।
सुरक्षा डायग्नोस्टिक को आईपीओ के जरिए 846.25 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद थी। यह पूरी तरह से एक ऑफर फॉर सेल था, जो निवेशकों के लिए एक संभावित अवसर पेश करता है।
इस आईपीओ के साथ, कंपनी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में अपने पदचिह्न को विस्तार देने का एक प्रयास किया है। डाइग्नोस्टिक्स और पैथोलॉजी सॉल्यूशन्स के क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए निवेशकों का ध्यान खींचने की कोशिश की गई है।
हालांकि, कमजोर लिस्टिंग ने कुछ निवेशकों को चिंता में डाल दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक दृष्टिकोण से यह कंपनी विकास की ओर अग्रसर हो सकती है।
सुरक्षा डायग्नोस्टिक में निवेश करने वाले लोग भविष्य की संभावनाओं पर नजर रख रहे हैं, जो वर्तमान में स्टॉक के प्रदर्शन के आधार पर विवेचना कर रहे हैं।