भारत ने फिर से अपनी टेस्ट क्रिकेट की ‘गौरव गाथा’ को 46 रन की महिमा में बदल दिया, क्या नया जादूगर आएगा?

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भारत ने फिर से अपनी टेस्ट क्रिकेट की ‘गौरव गाथा’ को 46 रन की महिमा में बदल दिया, क्या नया जादूगर आएगा?

भारत की क्रिकेट टीम 2024 में दोबारा घरेलू टेस्ट श्रृंखला की शुरुआत में ही ठोकर खा गई है, जिससे उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबला पलटने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। पहले टेस्ट में निराशाजनक हार के बाद, भारत को अब दो टेस्ट में अपनी स्थिति सुधारनी होगी। न्यूजीलैंड ने बेंगलुरु में 36 साल बाद भारत के खिलाफ ऐतिहासिक जीत हासिल की, जिसमें राचिन रवींद्र ने शानदार बल्लेबाजी की। भारत की बल्लेबाजी में कुछ अच्छे प्रदर्शन देखने को मिले, लेकिन वरिष्ठ खिलाड़ियों की असफलता ने टीम की स्थिति को कमजोर किया। पुणे में 24 अक्टूबर को होने वाले दूसरे टेस्ट के लिए भारत को कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं, ताकि श्रृंखला में वापसी की जा सके।



2024 में दूसरी बार, भारत ने घरेलू टेस्ट श्रृंखला की शुरुआत में ही गलत कदम उठाया है, जिससे उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ स्थिति को सुधारने के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। पहले टेस्ट में निराशाजनक हार के बाद, भारत को दो टेस्ट बचे हुए हैं और उन्हें पुनः एकजुट होकर गति हासिल करनी होगी।

न्यूजीलैंड की ऐतिहासिक जीत बेंगलुरु में 36 साल का सूखा समाप्त करती है

न्यूजीलैंड ने भारतीय धरती पर एक महत्वपूर्ण और लंबे समय से प्रतीक्षित जीत दर्ज की है, जो देश में उनकी केवल तीसरी टेस्ट जीत है। यह जीत, 1988 के बाद से भारत में उनकी पहली जीत थी, जिसमें मेहमानों ने बेंगलुरु में आठ विकेट से जीत हासिल की। राचिन राविंद्र ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए मैच में जीत दिलाई, जबकि तेज गेंदबाजों मैट हेनरी और विलियम ओ’रूर्क ने भारत की बल्लेबाजी क्रम को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया, खासकर पहले पारी में जहां मेज़बान केवल 46 रन पर ऑलआउट हो गए, जो टेस्ट क्रिकेट में भारत का घरेलू स्तर पर सबसे कम स्कोर है।

बेंगलुरु टेस्ट में भारत का मिश्रित प्रदर्शन

हालांकि भारत की हार ने चिंताएं बढ़ाई हैं, लेकिन बल्लेबाजी विभाग में कुछ खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन, वरिष्ठ खिलाड़ियों की कुछ महत्वपूर्ण असफलताओं ने टीम के समग्र प्रदर्शन को प्रभावित किया। इस असंगतता ने टीम की संतुलन को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि वे दूसरे टेस्ट की तैयारी कर रहे हैं।

भारत दूसरे टेस्ट से पहले रणनीतिक समायोजन करने की संभावना है, जो 24 अक्टूबर को पुणे में होगा। सीरीज दांव पर है, और टीम प्रबंधन पर बेंगलुरु में उजागर की गई कमजोरियों को दूर करने का दबाव है।

दूसरे टेस्ट के लिए भारत के लिए 3 संभावित बदलाव

1. केएल राहुल का चयन और सरफराज खान की कड़ी प्रतिस्पर्धा

दूसरे टेस्ट से पहले भारत के लिए एक बड़ी चयन बहस केएल राहुल और शुभमन गिल के आसपास घूमती है, खासकर सरफराज खान के शानदार 150 रन के प्रदर्शन के बाद।

2. ऋषभ पंत की चोट और विकेटकीपर का दुविधा

पहले टेस्ट में स्टंपिंग के प्रयास के दौरान ऋषभ पंत की चोट ने भारत के लिए विकेटकीपिंग विकल्पों को लेकर दुविधा पैदा कर दी है।

3. आकाश दीप का शामिल होना, कुलदीप यादव का बाहर होना: भारत की गेंदबाजी रणनीति में बदलाव

भारत की गेंदबाजी संरचना में पुणे टेस्ट के लिए एक बदलाव देखने को मिल सकता है, जहां तेज गेंदबाजों को प्राथमिकता दी जा सकती है।

भारत को दूसरे टेस्ट में कौन-कौन से बदलाव करने चाहिए?

भारत को टीम में कुछ युवा खिलाड़ियों को शामिल करना चाहिए और कुछ अनुभवी खिलाड़ियों को आराम देना चाहिए।

क्या भारत को गेंदबाजी में बदलाव करना चाहिए?

हाँ, भारत को अपनी गेंदबाजी में विविधता लाने के लिए एक या दो स्पिनरों को शामिल करना चाहिए।

क्या बल्लेबाजों को नई तकनीक अपनानी चाहिए?

जी हाँ, बल्लेबाजों को अपनी तकनीक में सुधार लाने के लिए अधिक आक्रामक खेल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

क्या टीम में चयन के लिए कोई चोटिल खिलाड़ी है?

अगर कोई खिलाड़ी चोटिल है, तो उसे बाहर करके एक फिट खिलाड़ी को मौका देना चाहिए।

क्या कप्तान को रणनीति में बदलाव करना चाहिए?

हाँ, कप्तान को मैच के हालात के अनुसार अपनी रणनीति में बदलाव करना चाहिए, ताकि टीम को फायदा हो सके।

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