रतन टाटा की क्रिकेट प्रेम कहानी: क्या अब खिलाड़ियों को भी उनकी विरासत का ‘कर्ज’ चुकाना होगा?

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रतन टाटा की क्रिकेट प्रेम कहानी: क्या अब खिलाड़ियों को भी उनकी विरासत का ‘कर्ज’ चुकाना होगा?

Ratan Tata, जो एक प्रसिद्ध उद्योगपति और परोपकारी थे, का निधन 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में हुआ। उन्होंने न केवल टाटा समूह को वैश्विक सफलता दिलाई, बल्कि भारतीय क्रिकेट के प्रति अपने गहरे प्रेम के लिए भी जाने जाते थे। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने कई क्रिकेटरों का समर्थन किया, जिसमें एयर इंडिया और भारतीय एयरलाइंस जैसे संस्थान शामिल हैं, जिन्होंने खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता और करियर में स्थिरता प्रदान की। रतन टाटा का क्रिकेट के प्रति यह समर्पण और टाटा समूह का योगदान भारतीय क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण विरासत छोड़ गया है, जिससे कई क्रिकेटर सफल हुए हैं।



रतन टाटा, प्रसिद्ध उद्योगपति, परोपकारी और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन, का निधन बुधवार (9 अक्टूबर) को 86 वर्ष की आयु में हो गया। अपने व्यापारिक कौशल और असाधारण नेतृत्व के लिए जाने जाने वाले टाटा को उन परोपकारी योगदानों के लिए भी सराहा गया है, जिन्होंने भारत भर में जीवन को बदलने में मदद की। व्यवसाय और चैरिटी के अलावा, टाटा का खेलों, विशेष रूप से क्रिकेट के प्रति गहरा और स्थायी प्रेम था, जो उन्हें भारतीय क्रिकेट को समर्थन देने की दिशा में प्रेरित करता रहा।

खेल के प्रति रतन टाटा का जीवनभर का जुनून

रतन टाटा की व्यापारिक उपलब्धियाँ तो सभी को ज्ञात हैं, लेकिन क्रिकेट के प्रति उनका प्रेम और इस खेल को समर्थन देने की उनकी प्रतिबद्धता कम ही लोगों को पता है। टाटा का क्रिकेट के प्रति प्रेम केवल एक दर्शक के रूप में नहीं था। खेल की गहरी समझ और भारतीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की इच्छा ने टाटा समूह को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों का समर्थन करने के लिए प्रेरित किया। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने भारतीय क्रिकेटरों को नर्सिंग में मदद की और कई क्रिकेटिंग दिग्गजों के करियर को आकार देने में अहम भूमिका निभाई।

भारतीय क्रिकेट के प्रति टाटा समूह का गहरा संबंध

कई क्रिकेटरों ने अपनी सफलता का एक हिस्सा टाटा समूह से जुड़े कंपनियों, विशेष रूप से एयर इंडिया, के समर्थन के कारण पाया। दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण, विकेटकीपर बल्लेबाज रोबिन उथप्पा, और पूर्व ऑलराउंडर मोहींदर अमरनाथ सभी एयर इंडिया से जुड़े रहे हैं। इसी तरह, पूर्व क्रिकेटर और अब कमेंटेटर संजय मांजरेकर को भी इस एयरलाइन से समर्थन मिला। ये खिलाड़ी न केवल वित्तीय रूप से समर्थित हुए, बल्कि उन्हें अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करने की सुविधा भी मिली।

भारतीय क्रिकेट का समर्थन करने की विरासत

टाटा समूह के क्रिकेट में योगदान की विरासत अन्य कंपनियों तक फैली हुई है। पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारुख इंजीनियर को टाटा मोटर्स से समर्थन मिला, जबकि आधुनिक समय के खिलाड़ियों जैसे Shardul Thakur को टाटा पावर के माध्यम से मदद मिली। टाटा समूह की खेलों के प्रति प्रतिबद्धता ने इन खिलाड़ियों को अपने करियर में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया।

रतन टाटा का क्रिकेट के प्रति समर्पण केवल व्यापारिक फैसलों तक सीमित नहीं था, बल्कि यह भारतीय खेलों का समर्थन करने के उनके व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा था। खेल के प्रति उनका प्रेम और टाटा समूह की क्रिकेट में दीर्घकालिक भागीदारी ने भारत में इस खेल पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

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रतन टाटा का क्रिकेट के प्रति प्यार क्यों है?

रतन टाटा क्रिकेट के बहुत बड़े फैन हैं। उन्हें खेल की प्रतिस्पर्धा और टीम स्पिरिट पसंद है।

क्या रतन टाटा ने कभी क्रिकेट खेला है?

रतन टाटा ने अपने कॉलेज के दिनों में क्रिकेट खेला है, लेकिन वे प्रोफेशनल खिलाड़ी नहीं बने।

टाटा ग्रुप के किस-किस खिलाड़ी ने क्रिकेट में नाम कमाया है?

टाटा ग्रुप से जुड़े कुछ प्रसिद्ध क्रिकेटर हैं, जैसे कि नयन मोंगिया और सौरव गांगुली।

क्या रतन टाटा क्रिकेट मैच देखने जाते हैं?

हाँ, रतन टाटा अक्सर क्रिकेट मैच देखने जाते हैं, खासकर जब भारतीय टीम खेलती है।

रतन टाटा का क्रिकेट के प्रति क्या योगदान है?

रतन टाटा ने क्रिकेट को प्रोत्साहित करने के लिए कई आयोजनों और स्पॉन्सरशिप में मदद की है।

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