शाफाली और स्मृति की “फेस-टाइमिंग” पर क्रिकेट की नई परिभाषा: क्या जीतने का सपना अब भी बेतुका है?

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शाफाली और स्मृति की “फेस-टाइमिंग” पर क्रिकेट की नई परिभाषा: क्या जीतने का सपना अब भी बेतुका है?

Team India ka Women’s T20 World Cup ka safar shuru hone ja raha hai, jismein unka pehla muqabala New Zealand ke khilaf hoga. Isse pehle, Shafali Verma ne apne aur Smriti Mandhana ke beech ki gehri samajh par roshni daali. Unhone kaha ki dono khiladi apne emotions aur moves ko aasani se samajh jaate hain, jo unki partnership ko majboot banata hai. Shafali ne Smriti ki batting skills ki tareef ki aur unhe apne liye aur team ke liye perform karne ki koshish karne ki baat kahi. Captain Harmanpreet Kaur ki World Cup jeetne ki khwahish ke saath, Team India is baar jeetne ke liye poori tarah tayyar hai.



टीम इंडिया अपनी महिला T20 विश्व कप की यात्रा की शुरुआत एक रोमांचक ओपनर के साथ करेगी, जिसमें उनका सामना न्यूज़ीलैंड से होगा। मैच से पहले, भारतीय बल्लेबाज शफाली वर्मा ने अपनी साथी खिलाड़ी स्मृति मंधाना के साथ मैदान पर अपने करीबी संबंधों के बारे में जानकारी साझा की। वर्मा ने बताया कि वे दोनों एक-दूसरे की हरकतों का अनुमान लगाने में सक्षम हैं, जो टीम के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

शफाली वर्मा और स्मृति मंधाना की गहरी समझ:

शफाली वर्मा, भारत की गतिशील ओपनिंग जोड़ी में से एक, मानती हैं कि उनकी आक्रामक खेल शैली स्मृति मंधाना के शांत और सुंदर खेल के साथ पूरी तरह मेल खाती है। वर्मा ने कहा कि वे अक्सर “एक-दूसरे की भावनाओं का अनुमान चेहरे के भावों से लगा लेती हैं”। उनका यह मजबूत बंधन भारतीय महिला क्रिकेट टीम की हालिया सफलता में एक कुंजी तत्व रहा है।

उन्होंने कहा, “मैंने स्मृति के साथ पिछले दो-तीन सालों से ओपनिंग की है, और अब हम एक-दूसरे की भावनाओं को सिर्फ चेहरे के भावों से समझ लेते हैं। हम एक-दूसरे की ताकत और कमजोरियों को जानते हैं और एक-दूसरे को सकारात्मक ऊर्जा देते हैं। हम समझते हैं कि हम दोनों टीम के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं, खासकर पावरप्ले के दौरान।”

भारत न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगा:

भारत शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अपने महिला T20 विश्व कप अभियान की शुरुआत करने जा रहा है। शफाली वर्मा ने साझा किया कि कप्तान हरमनप्रीत कौर ने हमेशा ट्रॉफी उठाने का सपना देखा है, खासकर 2020 संस्करण में भारत के फाइनल में पहुंचने के बाद। टीम इस बार अपनी छाप छोड़ने और जीत के लिए दृढ़ संकल्पित है।

शफाली ने कहा, “हरमनप्रीत दी खेल के प्रति बहुत जुनूनी हैं। विश्व कप जीतना हमेशा से उनका सपना रहा है, और मुझे उम्मीद है कि हम उस सपने को पूरा कर सकें। वह एक महान खिलाड़ी, एक बेहतरीन साथी और एक शानदार कप्तान हैं जो हम सभी को प्रेरित करती हैं।”

शफाली, जिन्होंने सिर्फ 16 साल की उम्र में विश्व कप में पदार्पण किया, अब उस कहानी को दोबारा लिखने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, “16 साल की उम्र में पदार्पण करना मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था, और मैं ऑस्ट्रेलिया में रहकर बहुत खुश थी। उस विश्व कप का अनुभव विशेष था, और मैंने टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया। उस विश्व कप के बारे में सोचने से हमेशा मुस्कान आती है। हम जीतने के बहुत करीब थे, लेकिन उम्मीद है कि इस बार हम इसे बदल सकें।”

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शफाली वर्मा और स्मृति मंधाना की दोस्ती कैसे शुरू हुई?

शफाली वर्मा और स्मृति मंधाना की दोस्ती क्रिकेट के मैदान पर शुरू हुई। दोनों ने एक साथ खेलते समय एक-दूसरे को समझा और समर्थन दिया।

क्या शफाली और स्मृति एक-दूसरे से क्रिकेट में सीखती हैं?

जी हां, शफाली और स्मृति एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखती हैं। वह एक-दूसरे की बल्लेबाजी तकनीक और खेल की रणनीतियों पर चर्चा करती हैं।

क्या इन दोनों का खेल पर प्रभाव पड़ता है?

बिल्कुल, शफाली और स्मृति का एक-दूसरे के साथ खेलना टीम के लिए बहुत फायदेमंद होता है। उनकी दोस्ती से टीम का मनोबल बढ़ता है।

क्या शफाली और स्मृति के बीच की दोस्ती मीडिया में चर्चा का विषय है?

हां, शफाली और स्मृति की दोस्ती अक्सर मीडिया में चर्चा का विषय बनती है। दोनों की कैमरे के सामने की केमिस्ट्री बहुत पसंद की जाती है।

क्या उनके बीच की दोस्ती सिर्फ क्रिकेट तक सीमित है?

नहीं, उनकी दोस्ती सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है। वह व्यक्तिगत जीवन में भी एक-दूसरे का समर्थन करती हैं और अच्छे दोस्त हैं।

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