नितेश कुमार की अद्भुत जीत: भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक

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नितेश कुमार की अद्भुत जीत: भारत के लिए दूसरा स्वर्ण पदक

2024 के पैरालंपिक्स में भारतीय एथलीट हर इवेंट में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। भारत ने अब तक 9 पदक जीते हैं, जिनमें 2 स्वर्ण पदक शामिल हैं। नितेश कुमार ने पुरुषों की सिंगल्स SL3 फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेटेल को हराकर भारत का दूसरा स्वर्ण पदक जीता। यह मैच बेहद रोमांचक था, जिसमें नितेश ने 21-14, 18-21 और 23-21 के स्कोर से जीत हासिल की। नितेश के जीवन में 2009 में एक ट्रेन दुर्घटना ने बदलाव लाया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बैडमिंटन में अपनी क्षमता साबित की। उनकी इस जीत ने भारत के लिए पैरालंपिक बैडमिंटन में स्वर्ण पदक की गिनती को बढ़ाया है।



पैरालंपिक्स 2024 में, भारतीय एथलीट हर इवेंट में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। कुछ ही दिनों में, भारत ने 9 मेडल के साथ 2 गोल्ड जीते हैं। नितेश कुमार ने पेरिस पैरालंपिक्स में पुरुष सिंगल्स SL3 फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर भारत का दूसरा गोल्ड मेडल जीता। यह मैच रोमांचक था और नितेश की शानदार प्रदर्शन की कहानी इस लेख में प्रस्तुत की जाएगी।

उत्कृष्ट प्रदर्शन और भारत के लिए दूसरा गोल्ड:

नितेश कुमार ने पेरिस पैरालंपिक्स में डेनियल बेथेल को हराकर भारत को दूसरा गोल्ड मेडल दिलाया। यह मैच बहुत ही प्रतिस्पर्धात्मक था, जिसमें नितेश ने 21-14, 18-21, और 23-21 के स्कोर से जीत हासिल की। यह मुकाबला एक घंटे 20 मिनट तक चला।

नितेश ने पहले गेम में शानदार शुरुआत की और बेहतरीन डिफेंस और सटीक स्मैश का इस्तेमाल करते हुए पहला गेम 21-14 से जीत लिया। दूसरे गेम में, बेथेल ने जोरदार वापसी की। नितेश ने मैच पॉइंट हासिल किया, लेकिन बेथेल ने इसे बचा लिया। अंत में, नितेश ने अपनी ठंडे दिमाग से अंतिम दो पॉइंट जीतकर अपना पहला पैरालंपिक मेडल हासिल किया।

नितेश का भयानक जीवन परिवर्तन:

नितेश कुमार का शुरुआती जुनून फुटबॉल था। लेकिन 2009 में एक ट्रेन दुर्घटना में गंभीर पैर की चोट लग गई, जिससे वह कई महीनों तक बिस्तर पर रहे। इस कठिनाई के बावजूद, नितेश ने अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित रखा।

उन्होंने IIT के प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए एक वर्ष का समय लिया। उनकी मेहनत का फल मिला और वह 2013 में IIT मंडी में दाखिला लेने में सफल रहे। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।

बैडमिंटन के प्रति जुनून बढ़ा:

विश्वविद्यालय में रहते हुए, नितेश कुमार ने बैडमिंटन में गहरी रुचि विकसित की, जो जल्द ही उनका जुनून बन गई। उनका पैरा-बैडमिंटन करियर 2016 में शुरू हुआ, जब उन्होंने हरियाणा टीम के लिए पैरा राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लिया। नितेश ने अपने पहले प्रयास में कांस्य पदक जीता।

अगले वर्ष, उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में एकल में रजत और युगल में कांस्य पदक जीते। 2017 में, उन्होंने आयरिश पैरा-बैडमिंटन इंटरनेशनल में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता। उनकी सफलता यहां नहीं रुकी, उन्होंने एशियाई पैरालंपिक खेलों और BWF पैरा-बैडमिंटन विश्व सर्किट सहित कई अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में पुरस्कार जीते। 2020 में, उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक के पदक विजेताओं को हराकर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।

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नितेश कुमार कौन हैं?

नितेश कुमार एक भारतीय पैरा एथलीट हैं जिन्होंने पेरिस पैरलिम्पिक्स में गोल्ड मेडल जीता है।

नितेश कुमार ने कौन सा खेल खेला?

नितेश कुमार ने तीरंदाजी में प्रतिस्पर्धा की और स्वर्ण पदक जीता।

नितेश कुमार का जन्म कब हुआ?

नितेश कुमार का जन्म 1998 में हुआ था, लेकिन उनकी सही तारीख की जानकारी उपलब्ध नहीं है।

नितेश कुमार ने स्वर्ण पदक कैसे जीता?

नितेश कुमार ने अपनी मेहनत और कौशल से प्रतियोगिता में अन्य खिलाड़ियों को हराकर स्वर्ण पदक जीता।

नितेश कुमार का सपना क्या है?

नितेश कुमार का सपना है कि वे अपने देश को और भी कई पदक दिलाएं और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनें।

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