आज की वर्तमान मामलों की चर्चा करते हुए, बायजूज ने अपनी सलाहकार पैनल से अपना संपर्क काट लिया है। पिछले वर्ष कंपनी के लिए सलाह देने के लिए इस पैनल में शामिल हुए थे विनय कुमार और वीशाल पाई। इन दोनों ने कंपनी को सूचित किया है कि वे उससे अलग हो रहे हैं। इसका कारण है कि बायजूज को मुकदमों में फंसने की समस्या है। कंपनी को भारत और अमेरिका में उसके क्रेडिटर्स और प्रमुख सहभागीदारों के द्वारा मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है। यह सलाहकार पैनल का मुख्य ध्यान ब्यूजूज को उसकी लेखा-जोखा दिखाने, टीम को पुनर्गठित करने और हिस्सेदारों के साथ बेहतर संचार करने में था। लेकिन दुर्भाग्य से, कंपनी ने मुकदमों में फंस जाने के कारण इन सभी मुद्दों में सफलता नहीं प्राप्त की है। इसके अलावा, सलाहकार पैनल ने ब्यूजूज को बोर्ड को विस्तारित करने, बोर्ड समिति के संयोजन को बदलने और क्रेडिटर्स के साथ कर्जा समाधान में मदद की भी है। ब्यूजूज, विनय कुमार और वीशाल पाई को टेक्स्ट मैसेज किया गया है, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला है। ब्यूजूज की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जो पहले सबसे मूल्यवान घरेलू अनोखे कंपनी थी, जिसे 2022 में 22 अरब डॉलर के मूल्य में माना जाता था। इस साल, ब्लैकरॉक, कंपनी के एक निवेशक ने उसका मूल्यांकन 1 अरब डॉलर तक कम कर दिया है, जबकि एक और निवेशक, सेकोइया कैपिटल, ने ऑनलाइन ट्यूटर में अपने निवेश को लिखने का फैसला किया है। पिछले जुलाई को एक स्टेटमेंट में थिंक एंड लर्न ने कहा था कि इस पैनल की सलाह बायजूज के बोर्ड और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ब्यूजू रवींद्रन को निर्णायक मामलों पर मार्गदर्शन और मेंटरिंग करेगा। इस साल के शुरुआत में, प्रोसस, विवियन वू और रसेल ड्रेसेंस्टॉक ने बोर्ड छोड़ दिया था और बायजूज के कानूनी शासन की वजह से इसके साथ साझा किए जा रहे कई मामलों के बीच बायजूज के स्टैच्टरी ऑडिटर डेलॉइट हास्किंस एंड सेल्स ने भी इसकी सलाह में छोड़ने का निर्णय लिया था। बायजूज को निवेशकों से अधिक पैसे उठाने में असमर्थता ने कंपनी को हजारों कर्मचारियों को छोड़ने के लिए मजबूर किया है, जिसके कारण कर्मचारियों को वेतन में देरी हो रही है। पिछले महीने, बायजूज इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्जुन मोहन ने कंपनी में शामिल होने के सिर्फ सात महीने बाद इस्तीफा दे दिया था। रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और भाई ऋजू रवींद्रन बोर्ड के तीन सदस्य हैं। बायजूज के पास कई कानूनी मामले हैं, जिनमें से कई ब्यजूज के शेयरहोल्डरों द्वारा इस्तीफा दिलाने के लिए मतदान करने के लिए प्रसुस ने लड़वाया था। बायजूज ने इस कदम को अस्वीकार किया है, कहते हुए कि शेयरहोल्डर की बैठक “अमान्य और अप्रभावी” थी। इस मामले पर अभी तक कर्नाटक हाईकोर्ट के सामने मामला है। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायालय के सामने कई दिवालियापन प्रक्रियाएं भी हैं। बायजूज ने अपने लंबे समय तक चलने वाले विवाद को समाप्त करने की कोशिश की है, जिसमें ग्लास ट्रस्ट कंपनी के साथ अमेरिका में 500 मिलियन डॉलर की कर्ज लेने वाली एडटेक कंपनी के बीच विवाद है। उदाहरण के तौर पर, उदेश्य के लिए एक अधिकारिक अधिसूचना जारी की जानी चाहिए, जिसमें इस मामले पर विचार किया जा सकता है। बायजूज की वित्तीय विवरणिका 2022-23 के लिए अभी तक नहीं दाखिल की गई है। जब कंपनी ने अंततः इस साल अपनी वित्तीय विवरणिका दाखिल की थी, तो उसने 5,015 करोड़ रुपये की आय पर 8,245 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था।
1. किसने बताया कि कुमार और पाई ने उनके साथ काम करना बंद कर दिया है?
– उत्तर: दो कार्यकारी
2. उत्पन्न हो रही क्राइसिस किसे और क्यों बढ़ा देती है?
– उत्तर: बायजूज़
3. बायजूज़ ने कौन-सा निर्णय स्वीकार किया है जिसके कारण कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है?
– उत्तर: निवेशकों के प्रश्नों के प्रभाव में आने की वजह से
4. बायजूज़ के संबंधित कितने प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना थी?
– उत्तर: तीन
5. किसने बायजूज़ के बोर्ड को बढ़ाने, बोर्ड समिति के संरचना में परिवर्तन करने और देयकों के साथ ऋण समाधान में मदद की?
– उत्तर: सलाहकार पैनल
6. बायजूज़ की मूल्यांकना को किसने कम कर दिया है?
– उत्तर: ब्लैकरॉक
7. बायजूज़ के साझेदारों ने किसे CEO के पद से हटाने का वोट दिया था?
– उत्तर: बायजू रवींद्रन
8. बायजूज़ के प्रति कितने न्यायालयी संग्राम चल रहे हैं?
– उत्तर: कई
9. बायजूज़ ने अपने आर्थिक वर्ष 2022-23 के लिए कितने लाभ और कितने राजस्व दाखिल नहीं किए हैं?
– उत्तर: ₹8,245 करोड़ और ₹5,015 करोड़
10. बायजूज़ को किस जगह वित्तीय और कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
– उत्तर: डिलावेयर, न्यूयॉर्क, और मायामी
Question 1: कौन कौन से दो अधिकारी ने अपना निर्णय इस बारे में बताया है कि उन्होंने बायजू रवींद्रन को अपना सहयोग देने के लिए कंपनी में शामिल होने का निर्णय लिया है?
दो अधिकारी ने दावा किया है कि कुमार और पाई, जो पिछले साल कंपनी में शामिल हो गए थे और बोर्ड के कई सदस्यों के निर्गमन और वित्तीय समस्याओं के बाद संस्थापक बायजू रवींद्रन को सलाह देने के लिए जुड़े थे, ने उन्हें अपना निर्णय उन्हें संदेशित किया है।
Question 2: बायजू के लिए चिंतित निवेशकों को संतुष्ट करने के लिए किसने किसने महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र तय किए थे?
बायजू ने अपने भविष्य को लेकर चिंतित निवेशकों को संतुष्ट करने के लिए एडवाइजरी पैनल की स्थापना की थी जिसमें कुमार, भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व चेयरमैन, और पाई, इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी, शामिल थे।
Question 3: अधिकारी ने किसी एक उद्घाटन की उपस्थिति के बाद, कंपनी के विरुद्ध मुकदमों में फंसने के कारण कुमार और पाई का संबंध छोड़ने का दावा किया है?
ऊपर उद्धृत एक अधिकारी ने कहा है कि कुमार और पाई कंपनी के विरुद्ध मुकदमों में फंसने के कारण अपने संबंध छोड़ रहे हैं। बायजू को उसके दोषी ठहराने के लिए कंपनी के क्रेडिटर्स और मुख्य सहभागी अधिकारी मुकदमों का सामना कर रहे हैं।
Question 4: एडवाइजरी पैनल के किन-किन मुख्य कार्यक्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा था?
एडवाइजरी पैनल के तीन मुख्य कार्यक्षेत्र थे: कंपनी के मन्योगित वित्तीय राजस्व का खुलासा करने और रवींद्रन को टीम को पुनर्गठित करने में मदद करना। हिस्सेदारों के साथ बेहतर संचार तीसरा हिस्सा था।
Question 5: एडवाइजरी पैनल के अतिरिक्त कार्यक्षेत्र क्या थे?
एडवाइजरी पैनल ने रवींद्रन के साथ मिलकर बोर्ड को विस्तारित करने, बोर्ड समिति के संघटन में परिवर्तन करने और बायजू को अपने देयकों का निपटान करने में मदद की।
Question 6: बायजू ने उनकी टिप्पणी के लिए किसे संपर्क किया?
बायजू को टिप्पणी के लिए बायजू को एक ईमेल भेजा और कुमार और पाई को टेक्स्ट मैसेज भेजे गए हैं।
Question 7: बायजू की समस्याओं में इस नवीनतम विकास का क्या प्रभाव होगा?
यह नवीनतम विकास बायजू की समस्याओं को बढ़ाता है, जो कि एक समय में सबसे मूल्यवान घरेलू अनोखी कंपनी थी और 2022 में 22 अरब डॉलर के मान की थी।
Question 8: बायजू की कितनी मूल्यांकन घटी जा चुकी है और किसने अपने निवेश में कटौती की है?
इस वर्ष कंपनी में निवेश करने वाले ब्लैकरॉक ने बायजू की मूल्यांकन को 1 अरब डॉलर पर कम कर दिया है, जबकि एक और निवेशक, सेक्वोया कैपिटल (अब पीक फिफ्टीन पार्टनर्स), ने अपने निवेश को मान्यता देने की कोशिश भी नहीं की है।
Question 9: बायजू ने अपने निदेशक मंडल के सदस्यों के निर्गमन के बाद क्या किया था?
गी.वी. रवीशंकर, चान ज़करबर्ग इनीशिएटिव के विवियन वू, और प्रोसस के रसेल ड्रेइसनस्टॉक के बोर्ड से इस्तीफा देने के बाद बायजू ने एडवाइजरी पैनल की स्थापना की थी।
Question 10: ग्लास ट्रस्ट कंपनी के साथ बायजू की कौनसी लड़ाई चल रही है?
बायजू को ग्लास ट्रस्ट कंपनी के साथ अपने वित्तीय विवादों को समाप्त करने में संकट आ रहा है, जिसमें उसने 12 अरब डॉलर के कर्ज से गायब होने वाले 5 अरब डॉलर के बायजू का सामना किया है। दोनों उधारदाता और बायजू ने डेलावेयर, न्यूयॉर्क और मायामी में कई याचिकाएं दायर की हैं।
Question 11: बायजू ने किन कारोबारों को बेचकर पैसे इकट्ठा करने की योजना बनाई थी?
बायजू ने covid-19 महामारी के दौरान प्राप्त किए गए कई व्यापारों को बेचकर पैसे इकट्ठा करने की योजना बनाई थी, लेकिन इसके बावजूद विधिक और वित्तीय चुनौतियों के कारण यह कार्यान्वयन नहीं हुआ है।
Question 12: बायजू ने हाल ही में कौनसी आपूर्ति अधिकारियों को मंजूरी दी है?
पिछले महीने, कंपनी के अधिकांश हिस्सेदारों ने 99% कम मूल्यांकन पर 2 अरब डॉलर की राइट्स इश्यू की मंजूरी दी थी, लेकिन बायजू को इस धन का उपयोग तब तक नहीं कर सकता जब तक NCLT और कर्नाटक हाईकोर्ट की सुनवाई पूरी नहीं होती है।
Question 13: बायजू ने 2022-23 के लिए अपने वित्तीय नतीजों की कौनसी विगति देखी है?
बायजू ने अभी तक 2022-23 के लिए अपने वित्तीय नतीजों को फाइल नहीं किया है। जब कंपनी ने अंततः इस वर्ष जनवरी में अपने वित्तीय परिणाम दाखिल किए थे, तो उसने 5,015 करोड़ रुपये के राजस्व पर 8,245 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था।
आज की समय की वर्तमान घटनाओं के बारे में एक रुचिकर और अद्वितीय संक्षिप्त समाचार है कि Byju's बोर्ड के एक्जीक्यूटिव नीति परामर्शक विनोद कुमार और वीशेष वित्तीय अधिकारी वी बालासुब्रमण्यम पाई ने इस्तीफा दे दिया है। Byju's ने इस परामर्श पैनल की स्थापना की थी ताकि निवेशकों की चिंता कम हो और कंपनी के भविष्य पर कानूनी मामलों की बढ़ती संख्या के बीच मदद मिल सके। इस परामर्श पैनल का काम था कि कंपनी अपनी लेखा सारांश जानकारी को साझा करे और रवींद्रन को टीम को पुनः निर्माण करने में मदद करे। इसके अलावा, निवेशकों के साथ बेहतर संवाद भी इस पैनल का एक हिस्सा था। इसके बावजूद, कंपनी ने विभिन्न मुद्दों में फंस जाने के कारण अपनी सभी मंजूरी वाली गतिविधियों को पूरा नहीं किया है। यह नवीनतम घटना Byju's की समस्याओं को और बढ़ा देती है, जो पहले एक अनसूचीत गैर-सूचीत कंपनी थी और 2022 में 22 अरब डॉलर के मूल्य की अनुमानित की गई थी। इसके अलावा, Byju's के खिलाफ कई कानूनी मामले भी चल रहे हैं, जिनमें कंपनी के ऋणदाताओं और महत्वपूर्ण सहयोगी स्थानांतरित करने की मांग की जा रही है।