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Current Affairs in Hindi: Amit Shah’s Bold Prediction for Bengal and Odisha Elections

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आज के ताज़ा मामलों में आपका स्वागत है। देश के गृह मंत्री और सहयोग मंत्री अमित शाह ने बताया है कि देश के नागरिक मधुर हैं और सतर्कता से वोट देते हैं, इसलिए विपक्ष ने भाजपा के 400 सीट प्राप्त करने के लक्ष्य को उल्लंघन वाला बताया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने भाजपा और NDA की वापसी को स्वीकार कर लिया है, इसलिए विपक्ष पार्टियों के समर्थकों में उदासी बढ़ रही है और वोट की उम्मीदवारी में कमी आ रही है। आगे पढ़ें…





**Question 1: हिंदी बेल्ट ने आपकी सामरिकता को मजबूती दी है। पहले चार चरणों में, यह क्षेत्र देश के अन्य हिस्सों की तुलना में कम मतदान दर दर्ज कर चुका है। इसके कारण क्या आपको कोई संदेह है?**

A) हां, मुझे संदेह था, लेकिन तीसरे चरण के मतदाताओं के आने के समय तक, मैंने खुद देखा कि विपक्ष के मतदाता नहीं आ रहे थे। वे गहरे निराश हैं कि परिणाम पहले से ही (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के पक्ष में है; और उन्हें लगता है कि गर्मी के मौसम में मतदान के लिए जाने की बजाय बैठना बेहतर है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन उन्हें भी अपना मत देना चाहिए था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को और एनडीए को वापसी की मंजूरी हो गई है, यह एक कारण है कि विपक्ष पार्टियों के समर्थकों में उदासी (और मतदान में गिरावट) है। आप उच्च मतदान प्रतिशत (इस बार) जैसे पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा में देखते हैं, मतदान हमेशा अधिक होता रहा है, और वहां भी, वहां कुछ मतदान में गिरावट है। यदि आप विश्लेषण करें, तो आपको पाएंगे कि यह गिरावट और वे क्षेत्र हैं जहां कांग्रेस को हमेशा से ही समर्थन मिला है।

Answer: हां, मुझे संदेह था, लेकिन तीसरे चरण के मतदाताओं के आने के समय तक, मैंने खुद देखा कि विपक्ष के मतदाता नहीं आ रहे थे। वे गहरे निराश हैं कि परिणाम पहले से ही (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के पक्ष में है; और उन्हें लगता है कि गर्मी के मौसम में मतदान के लिए जाने की बजाय बैठना बेहतर है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन उन्हें भी अपना मत देना चाहिए था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को और एनडीए को वापसी की मंजूरी हो गई है, यह एक कारण है कि विपक्ष पार्टियों के समर्थकों में उदासी (और मतदान में गिरावट) है। आप उच्च मतदान प्रतिशत (इस बार) जैसे पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा में देखते हैं, मतदान हमेशा अधिक होता रहा है, और वहां भी, वहां कुछ मतदान में गिरावट है। यदि आप विश्लेषण करें, तो आपको पाएंगे कि यह गिरावट और वे क्षेत्र हैं जहां कांग्रेस को हमेशा से ही समर्थन मिला है।

**Question 2: शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि आपकी पार्टी आराम से जीत रही है। लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, कई विदेशी पोर्टफोलियो ने अपनी सर्वेक्षणों में खुदाई की है कि आप पहले की तुलना में जितनी सीटें नहीं जीत रहे हैं, जिसके कारण वे बाजार में बिक्री शुरू कर दिए हैं। इस पर आपकी क्या राय है?**

A) विदेशी एजेंसियों को देश में सही सर्वेक्षण नहीं कर सकता। बाजार के उच्चारणों और निचलों के कई कारण हैं। हम निर्वाचन क्षेत्र में नीचे से नीचे स्तर पर लड़ रहे हैं। जब भी मैं किसी रैली से बाहर निकलता हूं, मैं 40-50 कार्यकर्ताओं के साथ बैठता हूं (यह चर्चा करने के लिए)। उनकी प्रतिक्रिया के अनुसार, कुछ चिंता करने की कोई बात नहीं है।

Answer: विदेशी एजेंसियों को देश में सही सर्वेक्षण नहीं कर सकता। बाजार के उच्चारणों और निचलों के कई कारण हैं। हम निर्वाचन क्षेत्र में नीचे से नीचे स्तर पर लड़ रहे हैं। जब भी मैं किसी रैली से बाहर निकलता हूं, मैं 40-50 कार्यकर्ताओं के साथ बैठता हूं (यह चर्चा करने के लिए)। उनकी प्रतिक्रिया के अनुसार, कुछ चिंता करने की कोई बात नहीं है।

**Question 3: इस चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मतदान का आधार माना जाता है। आपकी राय क्या है?**

A) यह सिर्फ शब्दबज़ी है। दोनों पक्षों ने प्रधानमंत्री के पद के लिए उम्मीदवारों का चयन किया है।

Answer: यह सिर्फ शब्दबज़ी है। दोनों पक्षों ने प्रधानमंत्री के पद के लिए उम्मीदवारों का चयन किया है।

**Question 4: भाजपा ने 2014 और 2019 के चुनावों में जाति की सीमाओं को तोड़ा, अपने मतदाता आधार को संघटित किया है। इस बार, ऐसा लगता है कि जाति-आधारित संगठन फिर से सामने आए हैं। आपके विचार क्या हैं?**

A) मुझे ऐसा नहीं लगता। जाति के बिना वोट दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार में यादव भी हमारे लिए मतदान किया है।

Answer: मुझे ऐसा नहीं लगता। जाति के बिना वोट दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार में यादव भी हमारे लिए मतदान किया है।

**Question 5: आपने राष्ट्रीय लोक दल और नीतीश कुमार (जनता दल यूनाइटेड के) साथ जाति-आधार के मामलों के साथ गठबंधन किया है?**

A) नीतीश जी पुराने दोस्त हैं। कुछ लोगों ने कुछ गलतफहमियों के कारण उन्हें दूसरी ओर ले जाया। हमने जाति के कारण राष्ट्रीय किसान सेक्टर के एक महत्वपूर्ण खंड के लिए संपर्क स्थापित करना चाहा। इसका चुनाव जीतने या हारने के लिए कोई समर्थन नहीं था।

Answer: नीतीश जी पुराने दोस्त हैं। कुछ लोगों ने कुछ गलतफहमियों के कारण उन्हें दूसरी ओर ले जाया। हमने जाति के कारण राष्ट्रीय किसान सेक्टर के एक महत्वपूर्ण खंड के लिए संपर्क स्थापित करना चाहा। इसका चुनाव जीतने या हारने के लिए कोई समर्थन नहीं था।

**Question 6: दक्षिणी राज्यों में आपकी क्या उम्मीदें हैं?**

A) हम कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में सबसे बड़ी पार्टी बनेंगे (सभी को एक साथ लिया गया है)।

Answer: हम कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में सबसे बड़ी पार्टी बनेंगे (सभी को एक साथ लिया गया है)।

**Question 7: बंगाल और ओडिशा के बारे में आपकी क्या उम्मीदें हैं?**

A) हम बंगाल में अत्यधिक सफल होंगे और 24 से 30 सीटें जीतेंगे। हम ओडिशा में सरकार बनाएंगे (विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ हो रहे हैं) और 17 से अधिक लोकसभा सीटें जीतेंगे।

Answer: हम बंगाल में अत्यधिक सफल होंगे और 24 से 30 सीटें जीतेंगे। हम ओडिशा में सरकार बनाएंगे (विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ हो रहे हैं) और 17 से अधिक लोकसभा सीटें जीतेंगे।

**Question 8: स्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र ने लगभग 370 के रद्द होने के बाद होने वाले चुनावों में रिकॉर्ड मतदान दर दर्ज की है। लोगों की संख्या से लोग हैरान थे।**

A) हम इस बार वहां प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे थे। जमात-ए-इस्लामी और हुर्रियत, जो पहले मतदान का बहिष्कार करते थे और भारत के संविधान को स्वीकार नहीं करते थे, ने इस बार प्रक्रिया का समर्थन किया है। दोनों ने मतदान किया और बताया कि वे भारतीय संविधान के अनुसार चुनावी प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण विकास है जो कश्मीर में हुआ है।

Answer: हम इस बार वहां प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे थे। जमात-ए-इस्लामी और हुर्रियत, जो पहले मतदान का बहिष्कार करते थे और भारत के संविधान को स्वीकार नहीं करते थे, ने इस बार प्रक्रिया का समर्थन किया है। दोनों ने मतदान किया और बताया कि वे भारतीय संविधान के अनुसार चुनावी प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण विकास है जो कश्मीर में हुआ है।

**Question 9: कश्मीर में विधानसभा चुनाव कब होंगे? क्या आप इसमें भाग लेंगे?**

A) सर्वोच्च न्यायालय ने विधानसभा चुनावों के लिए समय सीमा तय की है, जो अगस्त या सितंबर में होगे। हम निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव में भाग लेंगे और सीटें जीतेंगे।

Answer: सर्वोच्च न्यायालय ने विधानसभा चुनावों के लिए समय सीमा तय की है, जो अगस्त या सितंबर में होगे। हम निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव में भाग लेंगे और सीटें जीतेंगे।

**Question 10: औद्योगिक और बेरोजगारी ने लोगों पर बड़ा प्रभाव डाला है। आपको यह आरोप लगाया जा रहा है कि आपने इन मुद्दों पर कोई काम नहीं किया है। इस पर आपका क्या जवाब है?**

A) पहली बार वोट देने के समय आपने शायद इन समस्याओं के बारे में सुना होगा। नरेंद्र मोदी सरकार ने रोजगार के मामले में काम किया है। रोजगार के मुद्दे को समझाते समय, वामपंथी पत्रकार ने केवल सरकारी नौकरियों को ही रोजगार के रूप में गिना है। इस दृष्टिकोण से, आप दोनों बेरोजगार हैं। हमारे पास 11 लाख करोड़ का बाजारी बजट है। इससे कुछ नौकरियां तो बनी होंगी। कोई न कोई तो निर्माण कार्य करेगा। रेलवे और सड़क निर्माण की गति दोगुनी हो गई है। 70 साल में जितनी बिजली और सड़क की व्यवस्था हुई थी, उसकी तुलना में पिछले 10 साल में लगाई गई थी। क्या रोजगार नहीं बढ़ा है?

साथ ही, हमने आत्म-रोजगार की विचारधारा को प्रचारित किया। 4.7 करोड़ लोगों को मुद्रा ऋण मिला है। हमने इसके लिए 27.75 लाख करोड़ का ऋण प्रदान किया है। मुझे खुशी है कि 4.7 करोड़ मुद्रा ऋण लेने वाले लोगों में से 99.5% संपादनहीन निर्वासित नहीं हैं। करीब 8.5 मिलियन सड़की विक्रेताओं को स्वनिधि ऋण मिला है। हमने 117,000 स्टार्टअप के निर्माण को देखा है। 2016-17 में बेरोजगारी दर 6.1% थी, और 2023-24 में यह 3.1% होने की आंकलना की जा रही है। मुद्रास्फीति 2013-14 में डबल-डिजिट थी, लेकिन अब यह 4.83% हो गई है।

जब मोदी जी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तो देश में 22.2 मिलियन डिमेट खाता धारक थे। आज यह आंकड़ा 150.7 मिलियन हो गया है। 2014 में बाजारी मानकीकरण 85 लाख करोड़ था; और अब यह 400 लाख करोड़ से अधिक है। इस वृद्धि के लाभ सभी शेयरहोल्डर को मिले हैं – 150 मिलियन लोगों को। आत्म-रोजगार में लगे युवा या स्टार्टअप में अपनी बचत म्यूचुअल फंड में डालते हैं या निवेश सलाहकार की सेवाएं लेते हैं। यह रोजगार का मुख्य स्रोत बन गया है। विपक्ष को पांच उद्योगपतियों के बारे में बात करना पसंद है, लेकिन, वास्तव में, लाभ 150 मिलियन भारतीयों को मिला है।

Answer: पहली बार वोट देने के समय आपने शायद इन समस्याओं के बारे में सुना होगा। नरेंद्र मोदी सरकार ने रोजगार के मामले में काम किया है। रोजगार के मुद्दे को समझाते समय, वामपंथी पत्रकार ने केवल सरकारी नौकरियों को ही रोजगार के रूप में गिना है। इस दृष्टिकोण से, आप दोनों बेरोजगार हैं। हमारे पास 11 लाख करोड़ का बाजारी बजट है। इससे कुछ नौकरियां तो बनी होंगी। कोई न कोई तो निर्माण कार्य करेगा। रेलवे और सड़क निर्माण की गति दोगुनी हो गई है। 70 साल में जितनी बिजली और सड़क की व्यवस्था हुई थी, उसकी तुलना में पिछले 10 साल में लगाई गई थी। क्या रोजगार नहीं बढ़ा है?

साथ ही, हमने आत्म-रोजगार की विचारधारा को प्रचारित किया। 4.7 करोड़ लोगों को मुद्रा ऋण मिला है। हमने इसके लिए 27.75 लाख करोड़ का ऋण प्रदान किया है। मुझे खुशी है कि 4.7 करोड़ मुद्रा ऋण लेने वाले लोगों में से 99.5% संपादनहीन निर्वासित नहीं हैं। करीब 8.5 मिलियन सड़की विक्रेताओं को स्वनिधि ऋण मिला है। हमने 117,000 स्टार्टअप के निर्माण को देखा है। 2016-17 में बेरोजगारी दर 6.1% थी, और 2023-24 में यह 3.1% होने की आंकलना की जा रही है। मुद्रास्फीति 2013-14 में डबल-डिजिट थी, लेकिन अब यह 4.83% हो गई है।

जब मोदी जी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तो देश में 22.2 मिलियन डिमेट खाता धारक थे। आज यह आंकड़ा 150.7 मिलियन हो गया है। 2014 में बाजारी मानकीकरण 85 लाख करोड़ था; और अब यह 400 लाख करोड़ से अधिक है। इस वृद्धि के लाभ सभी शेयरहोल्डर को मिले हैं – 150 मिलियन लोगों को। आत्म-रोजगार में लगे युवा या स्टार्टअप में अपनी बचत म्यूचुअल फंड में डालते हैं या निवेश सलाहकार की सेवाएं लेते हैं। यह रोजगार का मुख्य स्रोत बन गया है। विपक्ष को पांच उद्योगपतियों के बारे में बात करना पसंद है, लेकिन, वास्तव में, लाभ 150 मिलियन भारतीयों को मिला है।

**Question 11: आपके खिलाफ एनफोर्समेंट डिरेक्टरेट और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन का आरोप है कि आपने इंडिया ब्लॉक के विरुद्ध विपक्ष के गठबंधन को रोकने के लिए उन्हें इस्तेमाल किया है। इस पर आपकी क्या सोच है?**

A) मुझसे बताइए, अगर कम्युनिस्ट पार्टी, तृणमूल (कांग्रेस), और कांग्रेस के बीच कोई गठबंधन नहीं है तो इसमें ईडी की क्या भूमिका है? यदि राज्यों में बाले और कांग्रेस के बीच कोई महागठबंधन नहीं है तो हम किसी भूमिका का निभाने के लिए कहाँ हैं? वस्तुतः, जहां ईडी ने हस्तक्षेप किया है, वहां एक गठबंधन उभरा है। हमारी सरकार के दौरान 5,155 पीएमएलए (पूर्वेक्षण ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट) मामले दर्ज किए गए हैं। राजनीतिज्ञों का करीब 3% ही भाग लेता है। किसी विधायक के घर में 350 करोड़ कैश मिला; ममता बनर्जी के मंत्री के घर में 51 करोड़ मिले, और झारखंड मुक्ति मोर्चा मंत्री आलमगीर आलम के स्टाफ सदस्य के घर में 31 करोड़ मिले। इसका जवाब क्या है? मैं रैलियों में पूछता हूं कि क्या कभी किसी ने इतने पैसे देखे हैं? किसी ने भी हाथ नहीं उठाया। अभी भी, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आलमगीर को नहीं सस्पेंड किया है, और ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी (संबंधित मंत्री) को नहीं सस्पेंड किया है। क्यों?

Answer: तो आप बताइए, अगर कम्युनिस्ट पार्टी, तृणमूल (कांग्रेस), और कांग्रेस के बीच कोई गठबंधन नहीं है तो इसमें ईडी की क्या भूमिका है? यदि राज्यों में बाले और कांग्रेस के बीच कोई महागठबंधन नहीं है तो हम किसी भूमिका का निभाने के लिए कहाँ हैं? वस्तुतः, जहां ईडी ने हस्तक्षेप किया है, वहां एक गठबंधन उभरा है। हमारी सरकार के दौरान 5,155 पीएमएलए (पूर्वेक्षण ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट) मामले दर्ज किए गए हैं। राजनीतिज्ञों का करीब 3% ही भाग लेता है। किसी विधायक के घर में 350 करोड़ कैश मिला; ममता बनर्जी के मंत्री के घर में 51 करोड़ मिले, और झारखंड मुक्ति मोर्चा मंत्री आलमगीर आलम के स्टाफ सदस्य के घर में 31 करोड़ मिले। इसका जवाब क्या है? मैं रैलियों में पूछता हूं कि क्या कभी किसी ने इतने पैसे देखे हैं? किसी ने भी हाथ नहीं उठाया। अभी भी, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आलमगीर को नहीं सस्पेंड किया है, और ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी (संबंधित मंत्री) को नहीं सस्पेंड किया है। क्यों?

**Question 12: नागरिकता प्रमाणपत्रों का बांटवारा चुनाव के बीच विवादास्पद हो गया है।**

A) देखिए, यह उचित नहीं है। पहले, लोग हमें CAA के नियम बनाने में समय लगाने के लिए आलोचना करते थे; फिर, जब हमने बना दिए और नागरिकता प्रमाणपत्र जारी किए हैं… मुख्य प्रश्न यह नहीं है कि प्रमाणपत्र कब बांटे जाएं, बल्कि यह कि क्या उन्हें नागरिकता प्रदान की जानी चाहिए या नहीं। मैंने CAA को कई बार समझाया है। इसके द्वारा, किसी को देश में अपनी नागरिकता नहीं खोएगा। ये लोग (जिन्हें नागरिकता

The Hindi belt has been your strength. During the first four phases, this region recorded a lower turnout than the rest of the country. Do you have any apprehensions because of this?

I was worried after the first phase, but by the time the third phase of voting began, I discovered that the Opposition’s voters were not showing up. They are deeply disappointed that the result is already in (Prime Minister Narendra) Modi’s favour; and they believe it is better to sit than go out (to vote) in the hot summer. This isn’t good for democracy though. They should have cast their votes too, but because of widespread disillusionment among the INDIA bloc’s voters, turnout has fallen. In states where you see high voting percentage (this time) like West Bengal, Assam and Tripura, the voting has always been high, and even there, there is some dip in turnout. If you do an analysis, you will find that there is a correlation between this dip and the areas where the Congress has traditionally had support.

Initially, it appeared that your party was winning comfortably. But reports suggest that several foreign portfolio investors have found in their surveys that you are not winning as many seats as initially expected, resulting in them starting to sell (their holdings) in the market. What is your opinion on this?

Foreign agencies can’t do proper surveys in the country. There are numerous reasons why the stock market goes up and down. We are monitoring and fighting the elections at the grassroots level. I do not have a single rally after which I do not sit with 40-50 of our workers (to discuss what is happening). According to their feedback, there is nothing to worry about.

This election is viewed as a referendum on Prime Minister Narendra Modi. What do you think?

This is just wordplay. Both sides have settled on candidates for the post of Prime Minister.

Who’s on the other side?

Only Rahul ji has been projected; no one has spoken for (Mallikarjun) Kharge ji. We are contesting elections under Modi ji’s leadership, and he will become the Prime Minister for the third time.

The BJP shattered caste barriers in both the 2014 and 2019 elections, consolidating its vote base. This time, it appears that caste-based mobilisation has resurfaced. What are your thoughts?

I don’t think so. Voting is taking place regardless of caste. Yadavs also voted for us in Uttar Pradesh and Bihar.

You have struck alliances with the Rashtriya Lok Dal and Nitish Kumar (of the Janata Dal United) with caste equations in mind?

Nitish ji is an old friend. Some people took him to the other side due to some misunderstandings. We did not strike a partnership with the RLD because of caste. We wanted to ensure our party’s outreach to a significant section of farmers, and therefore we allied with the RLD. It has nothing to do with electoral victory or defeat.

What are your expectations in the southern states?

We will be the largest party in Karnataka, Telangana, Andhra Pradesh, Kerala, and Tamil Nadu (taken together).

What about Bengal and Odisha?

We will do exceptionally well in Bengal and Odisha. In West Bengal, we will get 24 to 30 seats. We will form the government in Odisha (the assembly elections in the state are happening along with the Lok Sabha elections), and win more than 17 Lok Sabha seats.

The Srinagar constituency registered a record turnout in the polls that are happening after the revocation of Article 370. Everyone was surprised by the number of people that turned up.

We didn’t contest there this time. The Jamaat-e-Islami and Hurriyat, which previously boycotted voting and refused to acknowledge India’s Constitution, have supported the process this time. Both voted and stated that they were participating in the electoral process in accordance with the Indian Constitution. This is a significant development that has happened in Kashmir.

When will assembly elections be held in Kashmir? Will you participate in it?

The Supreme Court has established a time limit for assembly elections, which will be held in August or September. We will undoubtedly participate in the assembly elections and win seats.

And statehood for J&K?

As I have repeatedly mentioned, even in Parliament, after the elections are held, we will restore statehood.

Inflation and unemployment have had a big impact on people. You are accused of having done no work on these issues. What is your response to this?

You would have most likely heard about these problems even when you voted for the first time. The Narendra Modi government has done a lot of work in terms of jobs. When explaining the issue of employment, left-wing journalists treat only government jobs as employment. From this viewpoint, both of you are unemployed. We have an infrastructure budget of ₹11 lakh crore. That would have translated into some jobs. Someone will undoubtedly do the construction work. The speed of railway and road construction has doubled. The amount of (power) grids laid in the 70 years was equalled in the past 10 years. So, has employment not increased?
Along with this, we promoted the idea of self-employment. 470 million people have received Mudra Loans. We provided a loan of ₹27.75 lakh crore for this. I am pleased that of 470 million people who have Mudra Loans, 99.5% are not Non-Performing Assets (NPAs). About 8.5 million street vendors have been given Swanidhi Loans. We have seen the creation of 117,000 startups. In 2016-17, the unemployment rate was 6.1%, and it is projected to be 3.1% in 2023-24. Inflation was double-digit in 2013-14, but it has already dropped to 4.83%.
When Modi ji became the Prime Minister for the first time, the country had 22.2 million demat account holders. Today, this figure is 150.7 million. The market capitalisation in 2014 was ₹85 lakh crore; and now it is over ₹400 lakh crore. The benefits of this increase have gone to all shareholders — 150 million of them. Young people who are self-employed or in a startup also put their savings in mutual funds or hire an investment consultant. This has become a major source of employment. The Opposition likes to talk about five industrialists who have benefited, but, actually, the benefits have gone to 150 million Indians.

One of the charges against your government is that you used the Enforcement Directorate and the Central Bureau of Investigation to try and block the creation of the INDIA bloc of opposition parties. Despite this, they say, the alliance has come together, and the elections are being held with a joint Opposition candidate in around 300 seats. What are your thoughts on this?

Tell me, if there is no cooperation between the Communist Party, Trinamool (Congress), and Congress, what role does ED have in this? What role do we play if there is no coalition between the Left and Congress in Kerala, or the AAP and Congress in Punjab? On the contrary, where ED has intervened, an alliance has emerged. There were 5,155 PMLA (Prevention of Money Laundering Act) cases registered under our government. Politicians account for only 3% of that total. ₹350 crore cash was found in the home of one of their MPs; ₹51 crore was found in the home of Mamata Banerjee’s minister, and ₹31 crore in the home of a staff member of Jharkhand Mukti Morcha minister Alamgir Alam. What’s the answer to this? I ask in rallies whether anyone has ever seen so much money? Not one hand is raised. Even now, the Jharkhand Mukti Morcha has not suspended Alamgir, and Mamata Banerjee has not suspended Partha Chatterjee (the minister in question). Why?

Some Opposition leaders who joined you also had cases against them; yet, they have neither been raided nor summoned.

Their raid and summoning stages have ended. The charge sheets have been filed. After this, the agency has no authority, the court has to decide. Charge sheets have also been filed against Rahul and Chidambaram sahib (former Union home minister P Chidambaram). No action is being taken against them either. It will happen (in court) when their turn comes.

The distribution of citizenship certificates in the midst of the elections has become controversial.

Look, this is not fair. First, people criticise us for taking time to frame rules for CAA; then, when we do and issue citizenship certificates… The main question is not when the certificates are distributed, but whether they should be granted citizenship or not. I’ve explained CAA several times. As a result of this, no one will lose their citizenship in the country. These people (who are being given citizenship) came as refugees from Pakistan, Afghanistan, and Bangladesh; the minority population in these countries has shrunk. Here (in the absence of citizenship) they do not have the right to vote; they cannot be admitted to hospitals; they cannot obtain government jobs; and they have difficulties even in education. How will they live?

You say the election is one-sided, yet you have raised the fear that Rahul Gandhi would enforce Sharia laws (in India) if the Opposition alliance wins. They did not implement Sharia in 60 years; why will they do it now?

Haven’t done it in 60 years? This has been in place since 1939 here; what constitutes Muslim personal law? It is part of Sharia. On our part, we are now discussing adopting the Uniform Civil Code, which has already been implemented in Uttarakhand, and they, for their part, are claiming that they would bring back personal law. If you wish to establish Muslim personal law, you must implement comprehensive Sharia. Those who commit treachery should be stoned to death, and those who rape should be publicly hanged. You should cut off the hands of the thief.

Will you bring a central law on UCC?

UCC is a significant social reform for which our country has waited years. The Uttarakhand government appointed a commission, chaired by a retired Supreme Court woman judge. Her report served as the foundation for the creation of this law. There should be social, religious, and legal scrutiny and debate about it. If it is implemented in one or two states, there will automatically be debate and legal scrutiny.

The Opposition says that you are seeking votes in the name of the Ram Mandir?

This would not have been an issue if they (the opposition) had attended the Ram Temple’s pran-pratishtha (consecration) ceremony.

They claim the Sangh called them, which was insulting. Priyanka Gandhi Vadra said in an interview that they were invited by the BJP.

The Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust, not the BJP, invited them. The BJP has no role in it. She either does not have the information or is lying.

The Prime Minister has said that he will distribute the money of the corrupt to the poor. Is there a roadmap for this?

He did not say so. He has said that he will look into this possibility. A legal solution will need to be found. If there is no legislation, one will have to be created. I am telling it exactly as he has said it.

What hope do you see in contesting elections alone in Punjab?

The goal of contesting elections alone in Punjab is to reach every voter. Our workers are working hard to attain this goal; I am not claiming that we will be the number one party, but both our vote share and seats will increase because of the trust people have in Modi ji.

There are allegations that the BJP will amend the Constitution; that the benefits of reservation will be taken away. What are your thoughts on this?

We have enjoyed absolute majority for 10 years — we have a majority now; had a majority in 2014 — but we did not make such efforts, and we have no such intentions. We used the majority to remove Article 370, abolish triple talaq. We will use the majority to implement UCC. People are mature, they don’t listen to such charges. People of every caste and class are voting to give Narendra Modi 400 seats.

In the last 10 years, we have seen you in a variety of roles. BJP president, home minister, and minister for cooperation. What do you see yourself doing in the BJP’s third term?

You’re looking at all of them incorrectly. All three roles followed the Bharatiya Janata Party’s plan. If there is a fourth role, it will be determined by the party. My job is only to carry out the party’s instructions.

On the three new criminal laws

Our endeavour is to deliver justice within three years and timelines have been added in 35 sections.
In addition, we have sharpened the focus on crimes against women and children; a new chapter on this has been introduced in the Bharatiya Nyaya Sanhita (which replaces the Indian Penal Code, 1860). We have also taken cognisance of new crimes, such as snatching. In today’s technological era, it is very important to prevent snatching of mobile phones. Mob lynching has been defined for the first time. Terrorism has been defined in the law for the first time.
Also, the focus of the new criminal laws is justice, not punishment. It is justice that is in line with Indian legal philosophy. At the same time, the aim is also to build the world’s most modern justice system. It is flexible enough to accommodate any technology that will be developed in the next 50 years.
The new laws (they also include the Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita which replaces the Criminal Procedure Code of 1898, and the Bharatiya Sakshya Adhiniyam Vidhayak which replaces the Indian Evidence Act of 1872) also provide for action against proclaimed offenders.
In cases where the punishment is 10 years or more, including life imprisonment and the death penalty, the offender can be declared a ‘proclaimed offender’. And a new provision has been made for the attachment and seizure of property outside India. Our laws have now become more relevant and effective to stop the new methods adopted by criminals.

On Left-Wing Extremism

The battle against Left-Wing Extremism is in its final stage. The home ministry has a three-dimensional strategy to tackle Left-Wing Extremism: controlling extremists through better strategies; improved co-ordination between Centre and states; and public participation through development. Between 2004-14 and 2014-24 (March), there was a 53% reduction in incidents of violence, from 16,134 to 7,569.
There was a 72% reduction in deaths of security personnel (to 499) and a 68% reduction in deaths of civilians (to 1,462). Success has been achieved in establishing camps in Maoist strongholds such as Barmasia and Chakarbandha in Bihar, and Boodha Pahar and Parsnath in Jharkhand, completely eliminating security vacuum there.
Since 2019, 195 new camps have been opened, which have brought down the security vacuum in LWE-affected areas to near zero, barring a few areas. Already this year, 24 new camps have been opened, and plans are in place to open 44 more camps in a phase-wise manner according to the situation.

On terrorism

The Modi government has a “Zero Tolerance Policy” on terrorism and major terror incidents have reduced in number in the hinterland — from 43 in the 10 years of the United Progressive Alliance rule to 10 in our time, with the number of casualties of security forces and civilians reducing from 874 to 21.
Even in Kashmir, total incidents have come down from 7,217 in 2004-14 to 2,227 in 2014-24, with the number of total deaths coming down by 68% to 915 and the number of civilian deaths by 81% to 341. The big change in Kashmir is that we have one Constitution, one national flag and one Prime Minister now.
We have implemented 53 schemes involving ₹58,769 crore for the development of Jammu & Kashmir. There are now around 34,000 elected public representatives in the UT. And in 2023, the tourist footfall touched 21.1 million.
We also amended the NIA Act, including new offences under the agency’s jurisdiction and granting it extraterritorial jurisdiction. NIA has registered 567 cases so far, out of which 125 have resulted in convictions. We also came up with a comprehensive 25-point action plan to control terror funding. NIA has seized 400 properties related to terrorism. And all financial channels related to left-wing insurgent groups, organised crime gangs, and Khalistani terrorist groups are being curbed.
The UAPA has been amended, giving us the power to confiscate property acquired/related to terrorism and the power to declare person a terrorist. And since 2019, 57 people have been declared terrorists . And a total of 44 organisations, including four since 2019, have been banned.




आज के मौजूदा मामलों की खबर में, गृह और सहयोग मामलों के केंद्रीय मंत्री अमित शाह का कहना है कि देश के नागरिक मौजूदा चुनाव में बहुत सतर्क हैं और सावधानीपूर्वक वोट देते हैं, जिससे उनकी यह धारणा मजबूत हुई है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की 400 सीटों की लोकसभा में जीत उनके लिए आरक्षण लाभों को समाप्त करने का एक माध्यम नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि लोगों ने भाजपा और एनडीए को स्वीकार कर लिया है जिस वजह से विपक्ष पार्टियों के समर्थकों में उदासी और वोट देने में कमी है। अमित शाह ने दिल्ली के अपने आवास पर हिंदुस्तान टाइम्स के आर सुकुमार और हिंदुस्तान के शशि शेखर से चर्चा की।

चार चरणों में हिंदी बेल्ट आपकी ताकत थी। पहले चार चरणों में, इस क्षेत्र ने देश के अन्य हिस्सों की तुलना में कम मतदान दर दर्ज की थी। क्या इसके कारण आपको कोई चिंता है?

मैं पहले चरण के बाद चिंतित था, लेकिन तीसरे चरण के मतदान शुरू होने तक, मुझे यह पता चला कि विपक्ष के मतदाताएं उपस्थित नहीं हो रहे हैं। वे गहरे निराश हैं कि परिणाम पहले से ही (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के पक्ष में है; और उन्हें यही लगता है कि गर्मी के मौसम में मतदान करने की बजाय बैठना बेहतर है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन उन्हें भी मतदान करना चाहिए था, लेकिन INDIA ब्लॉक के मतदाताओं की व्यापक निराशा के कारण, मतदान दर गिर गई है। जहां आप इस बार मतदान की उच्चतम आवदेनशीलता (इस बार) देखते हैं, उस जगह में वोटिंग हमेशा ऊँची होती रही है, और वहां भी, वहां थोड़ी सी मतदान में गिरावट है। यदि आप एक विश्लेषण करते हैं, तो आपको यह संबंध दिखाई देगा कि इस गिरावट और कांग्रेस के वहां परंपरागत तरीके से समर्थन होने वाले क्षेत्रों के बीच एक संबंध है।

शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि आपकी पार्टी आराम से जीत रही है। लेकिन रिपोर्ट्स का दावा है कि कई विदेशी पोर्टफोलियो ने अपनी सर्वेक्षणों में पाया है कि आप पहले की उम्मीद से कम सीटें जीत रहे हैं, जिसके कारण उन्होंने बाजार में बिकवाली शुरू कर दी है। इस पर आपकी क्या राय है?

विदेशी एजेंसियाँ देश में सही सर्वेक्षण नहीं कर सकती। शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के बहुत सारे कारण होते हैं। हम निरंतर और कड़ी मेहनत करके निर्वाचनों की जंग को नीचे से लड़ रहे हैं। हमें एक रैली के बाद कोई ऐसी बात नहीं होती, जिसके बाद हम 40-50 हमारे कर्मियों के साथ नहीं बैठते हैं (कि क्या हो रहा है पर चर्चा करें)। उनकी प्रतिक्रिया के अनुसार, चिंता करने के लिए कुछ नहीं है।

यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक मताधिकार है। आपका क्या ख्याल है?

यह सिर्फ शब्दबजी है। दोनों पक्षों ने प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवारों को तय कर लिया है।

दूसरी ओर कौन है?

केवल राहुल जी का प्रस्तावित किया गया है; किसी ने (मल्लिकार्जुन) खर्गे जी के लिए नहीं बोला है। हम मोदी जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं, और वो तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे।

भाजपा ने 2014 और 2019 के चुनावों में जाति की सीमाओं को तोड़ा, अपना वोट बेस एकत्र किया। इस बार, ऐसा लगता है कि जाति के आधार पर मोबाइलाइजेशन फिर से उभर आया है। इस पर आपके क्या विचार हैं?

मुझे ऐसा नहीं लगता। जाति के बावजूद वोटिंग हो रही है। उत्तर प्रदेश और बिहार में यादव भी हमारे लिए वोट दिए।

आपने राष्ट्रीय लोक दल और नीतीश कुमार (जनता दल यूनाइटेड के) साथ गठबंधन किया है, जहां जाति के समीकरणों को ध्यान में रखा गया है?

नीतीश जी पुराने दोस्त हैं। कुछ लोग इसे कुछ गलतफहमी के कारण उस दौरे पर ले गए थे। हमने राष्ट्रीय किसानों के एक महत्वपूर्ण खंड के लिए मिल बंटकर काम करने का निर्णय लिया था, इसलिए हमने राष्ट्रीय किसान संगठन के साथ गठबंधन किया। इसका चुनाव जीतने या हारने के साथ कोई संबंध नहीं है।

आप दक्षिणी राज्यों में क्या उम्मीद कर रहे हैं?

हम कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में सबसे बड़ी पार्टी बनेंगे (जो साथी राज्यों को लेकर लोकसभा चुनाव में हो रही है)।

बंगाल और ओडिशा के बारे में आपकी क्या उम्मीदें हैं?

हम बंगाल और ओडिशा में शानदार काम करेंगे। पश्चिम बंगाल में, हमें 24 से 30 सीटें मिलेंगी। हम ओडिशा में सरकार बनाएंगे (राज्य के विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ हो रहे हैं) और 17 से अधिक लोकसभा सीटें जीतेंगे।

स्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र ने एक रिकॉर्ड मतदान दर दर्ज की है, जो लेख 370 के निरस्त करने के बाद हो रहे हैं। लोगों की संख्या के कारण सभी को हैरान कर दिया गया था।

हम इस बार वहां प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं। जमात-ए-इस्लामी और हुर्रियत, जिन्होंने पहले मतदान को बहिष्कार किया था और भारत के संविधान को स्वीकार नहीं किया था, इस बार उन्होंने चुनावी प्रक्रिया का समर्थन किया है। दोनों ने मतदान किया और कहा है कि वे भारतीय संविधान के अनुसार चुनावी प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण विकास है जो कश्मीर में हुआ है।

कश्मीर में विधानसभा चुनाव कब होंगे? क्या आप इसमें भाग लेंगे?

सर्वोच्च न्यायालय ने विधानसभा चुनावों के लिए समय सीमा निर्धारित की है, जो अगस्त या सितंबर में होंगे। हम निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव में भाग लेंगे और सीटें जीतेंगे।

और जम्मू और कश्मीर की राज्यत्व क्या है?

मैंने बार-बार कहा है, पार्लियामेंट में भी, चुनाव होने के बाद हम राज्यत्व को बहाल करेंगे।

महंगाई और बेरोजगारी ने लोगों पर बहुत असर डाला है। आपको इस पर कोई काम नहीं करने का आरोप लगाया गया है। आपका इस पर क्या जवाब है?

आपने शायद जब पहली बार वोट दिया था, तब भी इन समस्याओं के बारे में सुना होगा। नरेंद्र मोदी सरकार ने रोजगार के मामले में बहुत काम किया है। रोजगार के मुद्दे को समझाते समय, वामवादी पत्रकारों ने केवल सरकारी नौकरियां को ही रोजगार की मान्यता दी है। इसी दृष्टिकोण से, आप दोनों बेरोजगार हैं। हमारे पास इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 11 लाख करोड़ का बजट है। यह कुछ नौकरियों में बदल जाता है। किसी न किसी को निर्माण कार्य करना होगा। रेलवे और सड़क निर्माण की गति दोगुनी हुई है। 70 सालों में जितने ग्रिड रखे गए, उसकी तुलना में पिछले 10 सालों में रखे गए हैं। क्या रोजगार नहीं बढ़ा है?

इसके साथ ही, हमने आत्म-रोजगार की विचारधारा को बढ़ावा दिया है। 470 मिलियन लोगों को मुद्रा ऋण मिला है। हमने इसके लिए 27.75 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया है। मुझे खुशी है कि मुद्रा ऋण के 470 मिलियन लोगों में से 99.5% गैर-कार्यकारी निपटान नहीं हो रहा है। लगभग 8.5 मिलियन सड़की विक्रेताओं को स्वानिधि ऋण मिला है। हमने 117,000 स्टार्टअप की सृजना देखी है। 2016-17 में बेरोजगारी दर 6.1% थी, और यह 2023-24 में 3.1% की संभावना है। महंगाई 2013-14 में डबल डिजिट थी, लेकिन यह पहले से ही 4.83% तक घट चुकी है।

जब मोदी जी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तो देश में 22.2 मिलियन डिमैट खाता धारक थे। आज, यह आंकड़ा 150.7 मिलियन है। 2014 में बाजारीकरण था 85 लाख करोड़; और अब यह 400 लाख करोड़ से अधिक है। इस वृद्धि के लाभ सभी सेयरहोल्डरों को मिले हैं - 150 मिलियन में से। स्वरोजगारी या स्टार्टअप में नवयुक्त युवा अपनी बचत को म्यूचुअल फंड में लगाते हैं या निवेश परामर्शक की सेवाएं लेते हैं। यह रोजगार का एक मुख्य स्रोत बन गया है। विपक्ष को बात करने का शौक है कि पांच उद्योगपतियों को लाभ हुआ है, लेकिन वास्तव में लाभ 150 मिलियन भारतीयों को मिला है।

आपके खिलाफ एक आरोप है कि आपने एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन का इस्तेमाल करके प्रतिष्ठित विपक्ष पार्टियों के INDIA ब्लॉक की स्थापना रोकने की कोशिश की। इसके बावजूद, कहते हैं, गठबंधन एकत्र हो गया है, और चुनाव लगभग 300 सीटों में संयुक्त विपक्ष उम्मीदवार के साथ हो रहे हैं। इस पर आपके क्या विचार हैं?

मुझसे पूछें, अगर वामपंथी पार्टियों के बीच कोई सहयोग नहीं है, तो इसमें ED की क्या भूमिका है? यदि केरल में वाम और कांग्रेस के बीच कोई गठबंधन नहीं है, या पंजाब में आप और AAP के बीच कोई गठबंधन नहीं है, तो हम इसमें कौनसी भूमिका निभा रहे हैं? बल्कि वहां ED ने हस्तक्षेप किया है, वहां एक गठबंधन उभरा है। हमारे शासित प्रदेश में 5,155 PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत मामले) मामले दर्ज हुए हैं। राजनेता केवल उसके 3% हैं। उनके एक सदस्य के घर में 350 करोड़ रुपये कैश मिले; ममता बनर्जी के मंत्री के घर में 51 करोड़ रुपये मिले थे, और झारखंड मुक्ति मोर्चा मंत्री आलमगीर आलम के कर्मचारी के घर में 31 करोड़ रुपये मिले। इसका जवाब क्या है? मैं रैलियों में पूछता हूं कि क्या कभी किसी ने इतने पैसे देखे हैं? कोई भी हाथ नहीं उठाता। अभी भी, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अलमगीर को नहीं निलंबित किया है, और ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी (वह मंत्री) को नहीं निलंबित किया है। इसका कारण क्या है?

आपके पक्ष में जुड़े कुछ विपक्षी नेताओं के खिलाफ भी मामले हैं; फिर भी, उनके खिलाफ न तो रेड किए गए हैं और न ही उन्हें बुलाया गया है।

उनका रेड और बुलावा चरण समाप्त हो गए हैं। चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इसके बाद, एजेंसी का कोई अधिकार नहीं होता है, न्यायालय को निर्णय लेना होगा। राहुल और चिदंबरम साहिब (पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम) के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई है। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कोर्ट में यह होगा जब उनकी बारी आएगी।

चुनाव के बीच नागरिकता प्रमाणपत्रों का वितरण विवादास्पद हो गया है।

देखिए, यह उचित नहीं है। पहले, लोग हमें CAA के नियमों को तैयार करने में समय लगाने के लिए आलोचना करते हैं; फिर, जब हम ऐसा करते हैं और नागरिकता प्रमाणपत्र जारी करते हैं... मुख्य प्रश्न यह है कि क्या नागरिकता दी जानी चाहिए या नहीं। मैंने कई बार CAA को समझाया है। इसके परिणामस्वरूप किसी को भी देश में उनकी नागरिकता नहीं खोएगी। इन लोगों (जिन्हें नागरिकता दी जा रही है) ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से शरणार्थी के रूप में आए हैं; इन देशों में अल्पसंख्यक जनसंख्या कम हो गई है। यहां (नागरिकता की अनुपस्थिति के बिना) उनके पास मतदान करने का अधिकार नहीं है; उन्हें अस्पतालों में प्रवेश नहीं मिल सकता; वे सरकारी नौकरी प्राप्त नहीं कर सकते; और उन्हें शिक्षा में भी परेशानी होती है। वे कैसे जीवित रहेंगे?

आप कहते हैं कि चुनाव एकतरफा है, फिर भी आपने डर दिया है कि विपक्ष गठबंधन जीतने पर राहुल गांधी शरिया कानून को (भारत में) लागू करेंगे। वे 60 सालों में उसे क्यों नहीं लागू किया; वे अब क्यों करेंगे?

60 साल तक नहीं किया? यह 1939 से यहां मौजूद है; मुस्लिम पर्सनल लॉ क्या होता है? यह शरिया का एक हिस्सा है। हमारी ओर से, हम अब यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की चर्चा कर रहे हैं, जो पहले से ही उत्तराखंड में लागू हो चुका है, तथा उनकी ओर से, वे दावा कर रहे हैं कि वे पर्सनल लॉ वापस लाएंगे। यदि आप मुस्लिम पर्सनल लॉ प्रावधान करना चाहते हैं, तो आपको सम्पूर्ण शरिया का पालन करना होगा। जो गद्दारी करते हैं, उन्हें पत्थरों से मार देना चाहिए, और जो बलात्कार करते हैं, उन्हें सड़क पर लटका देना चाहिए। चोर के हाथ काटने चाहिए।

क्या आप UCC पर केंद्रीय कानून लाएंगे?

यूसीसी एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार है जिसकी देश ने वर्षों से प्रतीक्षा की है। उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए एक समय सीमा निर्धारित करने वाली एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट महिला न्यायाधीश के अध्यक्षता में एक आयोग नियुक्त किया था। उनकी रिपोर्ट ने इस कानून के निर्माण के लिए आधार प्रदान की थी। इसे सामाजिक, धार्मिक और कानूनी परीक्षण और चर्चा की आवश्यकता होनी चाहिए। यदि इसे एक या दो राज्यों में लागू किया जाता है, तो तब खुद बाद आएगी चर्चा और कानूनी परीक्षण।

विपक्ष कहता है कि आप राम मंदिर के नाम पर वोट मांग रहे हैं?

इसकी कोई समस्या न होती अगर उन्होंने (विपक्ष) राम मंदिर की प्रण-प्रतिष्ठा (अभिषेक) समारोह में शामिल होते।

वे कहते हैं कि संघ ने उन्हें बुलाया था, जो अपमानजनक था। प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें भाजपा ने बुलाया था।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, भाजपा का कोई योगदान नहीं है। इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। उनके पास इसकी जानकारी नहीं होगी या फिर वह झूठ बोल रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह भ्रष्टाचारियों के पैसे को गरीबों को देंगे। इसके लिए कोई रोडमैप है?

उन्होंने ऐसा नहीं कहा। उन्होंने कहा है कि वह इस संभावना पर विचार करेंगे। इसके लिए कानूनी समाधान ढूंढ़ना होगा। यदि कोई कानून नहीं होता है, तो उसे बनाना होगा। मैं उनकी बात को उनके द्वारा कहे गए अंदाज़ में ही कह रहा हूं।

पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने पर आपके क्या आशाएं हैं?

पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का लक्ष्य हर मतदाता तक पहुंचना है। हमारे कार्यकर्ता इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत कर रहे हैं; मैं दावा नहीं कर रहा हूं कि हम पार्टी की संख्या एक बनेंगे, लेकिन हमारा वोट शेयर और सीटें बढ़ेंगी क्योंकि लोगों में मोदी जी पर विश्वास है।

भाजपा के खिलाफ एक आरोप है कि आप संविधान में संशोधन करेंगे; कि आरक्षण के लाभ हटा लिए जाएंगे। इस पर आपके क्या विचार हैं?

हमारे पास 10 साल के लिए पूर्ण बहुमत था - हमारे पास अभी भी बहुमत है, 2014 में भी बहुमत था - लेकिन हमने ऐसा प्रयास नहीं किया और हमारी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। हमने बहुमत का उपयोग करके धारा 370 को हटा दिया, तीन तलाक को निरस्त किया। हम बहुमत का उपयोग करेंगे यूसीसी को लागू करने के लिए। लोग परिपक्व हैं, वे ऐसे आरोपों को नहीं सुनते। हर जाति और वर्ग के लोग नरेंद्र मोदी को 400 सीटें देने के लिए वोट दे रहे हैं।

पिछले 10 सालों में, हमने आपको विभिन्न भूमिकाओं में देखा है। भाजपा के अध्यक्ष, गृह मंत्री और सहयोग मंत्री। भाजपा की तीसरी कार्यकारी में आपको क्या करते देखेंगे?

आप उन्हें गलत नजर से देख रहे हैं। तीनों भूमिकाएं भारतीय जनता पार्टी की योजना के अनुसार हुई हैं। अगर एक चौथी भूमिका होती है, तो वह पार्टी द्वार


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