आज की वर्तमान मामलों में हिंदी में आपका स्वागत है। आज की ताजा खबरों में, मानवाधिकार अधिकारी गौतम नवलखा को चार साल की कैद के बाद 14 मई को बेल मिली। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है, जहां उन्होंने कहा कि मामले की पूर्णता के लिए “वर्षों और वर्षों और वर्षों” तक ट्रायल का समय लगेगा। इसके अलावा, उनके सह-अभियुक्तों में से छह वर्षों में रिहा हो चुके हैं, जबकि कुछ अभी भी कारावास में हैं। यहां तक कि मानवाधिकारी और कलाकार सागर गोरखे, रमेश गायकवाड़ और ज्योति जगताप जैसे कई अभियुक्त बेल का इंतजार कर रहे हैं। इस तरह के विवादों को रोशन करने के लिए, हम आपको आज की सबसे महत्वपूर्ण खबरें पेश कर रहे हैं।
1. Gautam Navlakha कब और कितने साल के बाद से रिहा हो गए?
– उत्तर: 14 मई 2024 को, चार साल के बाद
2. Shoma Sen किस जेल से रिहा हो गईं?
– उत्तर: बायकुला जेल
3. Sudha Bharadwaj कब और किस धारा के तहत जमानत प्राप्त की?
– उत्तर: 1 दिसंबर 2021 को, धारा 167(2) के तहत
4. Anand Teltumbde कब और किस धारा के तहत जमानत प्राप्त की?
– उत्तर: 18 नवंबर 2022 को, धारा 43D(2) के तहत
5. Arun Ferreira और Vernon Gonsalves कब और क्यों रिहा हो गए?
– उत्तर: जुलाई 2023 में, NIA के सुप्रीम कोर्ट में दावा खारिज होने के कारण
6. Varavara Rao की जमानत कब और क्यों रद्द की गई?
– उत्तर: दिसंबर 2021 में, तालोजा केंद्रीय जेल में उसकी स्थिति पर विचार करने के लिए
7. Rona Wilson के खिलाफ कौन सी धारा के तहत केस दर्ज किया गया था?
– उत्तर: UAPA और आईपीसी की धारा
8. Surendra Gadling कब और क्यों तालोजा जेल में भेजे गए?
– उत्तर: जून 2018 में, अवैध गतिविधियों के आरोप में
9. Mahesh Raut कब और किस धारा के तहत जमानत प्राप्त की?
– उत्तर: सितंबर 2021 में, परिवारिक संदेश के लिए
10. Jyoti Jagtap किस गांव के लिए जमानत याचिका दाखिल की?
– उत्तर: सुरजगढ गांव के लिए
उम्मीद है कि आपको ये प्रश्नोत्तर मददगार साबित होंगे!
Question:
What is the background of Gautam Navlakha?
Answer:
Gautam Navlakha is a human rights activist and author based in Delhi. He has been associated with the People’s Union for Democratic Rights and has worked with publications like Economic and Political Weekly and NewsClick. He is known for his criticism of repressive laws and militarism in the Kashmir valley and northeastern states. He was arrested on August 28, 2018, for his alleged involvement in inciting violence during the Bhima Koregaon rally on December 31, 2017. He was later imprisoned in Taloja Jail in March 2020 after the Supreme Court refused anticipatory bail. He was granted bail by the Supreme Court on May 14, 2022, after spending four years in incarceration.
आज के समाचार में, मानवाधिकार अधिवक्ता गौतम नवलक्खा ने 16 मानवाधिकार प्रशासकों के बीना याचिका में 2018 में गिरफ्तार होने के बाद जल्द ही गिरफ्तारी की आशंका को लेकर एक पत्र लिखा। गौतम नवलक्खा, भीमा कोरेगांव में जाति हिंसा को उकसाने के आरोप में 1967 के अवैध गतिविधियों (निवारण) अधिनियम के तहत 2018 में बिना याचिका के गिरफ्तार किए गए 16 मानवाधिकार प्रशासकों में से एक हैं। उन्होंने एक पत्र में लिखा है कि उन्होंने "अपने विश्वासों की वजह से दुख झेलने वालों की लंबी श्रेणि में शामिल हो रहे हैं" और उम्मीद की है कि उन्हें "एक और साजिशी मुकदमे" से मुक्ति मिलेगी।