शफाली और स्मृति की बल्लेबाजी: क्या दुबई की पिच है दुश्मन या खुद का खेल है मंजर?

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शफाली और स्मृति की बल्लेबाजी: क्या दुबई की पिच है दुश्मन या खुद का खेल है मंजर?

Sanjay Manjrekar, पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर, ने 2024 महिला T20 विश्व कप में शफाली वर्मा और स्मृति मंधाना के प्रदर्शन पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की पिचें भारत के मुख्य बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रही हैं। भारत ने अपने पहले दो मैचों में संघर्ष किया, न्यूजीलैंड के खिलाफ 102 रन पर आउट होकर हार का सामना किया और पाकिस्तान के खिलाफ मुश्किल से 108 रन का लक्ष्य पूरा किया। मंधाना और वर्मा की बल्लेबाजी तकनीक धीमी पिचों पर काम नहीं कर रही है, जिससे टीम की सेमीफाइनल में पहुंचने की राह कठिन होती जा रही है। भारत को अब श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत हासिल करनी होगी।



Sanjay Manjrekar ने शफाली वर्मा और स्मृति मंधाना की प्रदर्शन पर चिंता जताई

पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मंजरेकर ने 2024 महिला T20 विश्व कप में भारतीय बल्लेबाजों शफाली वर्मा और स्मृति मंधाना के प्रदर्शन को लेकर चिंता व्यक्त की है। मंजरेकर के अनुसार, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की पिचें भारत के शीर्ष क्रम के स्ट्रोक खिलाड़ियों के लिए मुश्किल साबित हो रही हैं, खासकर वर्मा और मंधाना के लिए जो तेज और उछाल वाली गेंदों पर खेलना पसंद करती हैं।

भारत की बल्लेबाजी समस्याएं पहले दो मैचों में स्पष्ट थीं। उन्होंने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ केवल 102 रन पर ऑल आउट होकर 58 रन से हार का सामना किया। दूसरे मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने 108 रन का लक्ष्य तो हासिल किया, लेकिन यह आसान नहीं था; टीम ने सिर्फ छह विकेट से और सात गेंद बाकी रहते जीत दर्ज की।

मंजरेकर ने Star Sports पर कहा, “मुझे लगता है कि फैंस उनके बल्लेबाजी के तरीके से थोड़े निराश होंगे। न्यूजीलैंड के खिलाफ बल्लेबाजी बहुत खराब थी। दुबई की पिच शफाली वर्मा और स्मृति मंधाना के लिए अनुकूल नहीं है।” उन्होंने यह भी बताया कि धीमी पिचों पर उन्हें तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

न्यूजीलैंड के खिलाफ हार ने भारत के सेमीफाइनल में पहुंचने के रास्ते को और कठिन बना दिया है। अब भारत को 9 अक्टूबर को श्रीलंका और 13 अक्टूबर को defending champions ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत दर्ज करनी होगी, ताकि वे टूनामेंट में आगे बढ़ सकें।

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संजय मांजरेकर ने शफाली वर्मा और स्मृति मंधाना पर क्यों टिप्पणी की?

संजय मांजरेकर ने शफाली वर्मा और स्मृति मंधाना के खेल में सुधार की आवश्यकता पर अपनी राय दी है।

क्या मांजरेकर ने आलोचना की है या सुझाव दिए हैं?

उन्होंने अपनी आलोचना के साथ-साथ सुझाव भी दिए हैं कि इन खिलाड़ियों को अपनी तकनीक पर काम करने की जरूरत है।

क्या यह पहली बार है जब मांजरेकर ने खिलाड़ियों पर टिप्पणी की है?

नहीं, संजय मांजरेकर अक्सर खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर अपनी राय देते हैं और यह कोई नई बात नहीं है।

क्या शफाली वर्मा और मंधाना ने इस पर प्रतिक्रिया दी है?

अभी तक उनकी तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

क्या इस मामले का क्रिकेट पर कोई प्रभाव पड़ेगा?

यह संभव है कि इस टिप्पणी का खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर पड़े, लेकिन यह देखना होगा कि वे इसे कैसे लेते हैं।

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