आज के करेंट अफेयर्स: आलोचना के बीच सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत बरकरार रखी
सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि सरकार की आलोचना के बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत कोई अपवाद नहीं है। चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के लिए प्रोत्साहन के रूप में देखे गए अदालत के फैसले ने लोकतंत्र और कानून के शासन के महत्व पर जोर दिया। इस विकासशील कहानी पर नवीनतम अपडेट से अवगत रहें।
1. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का क्या कारण बताया?
– ए. वह समाज के लिए खतरा है
– बी. चुनाव लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं
– सी. उसे दोषी ठहराया गया है
– डी. वह एक राष्ट्रीय पार्टी के सदस्य हैं
उत्तर: B. चुनाव लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं
2. लेख के अनुसार जनवरी में टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को जमानत की पुष्टि किसने की थी?
– ए. सुप्रीम कोर्ट
– बी. उच्च न्यायालय
– सी. प्रवर्तन निदेशालय
– डी. सी.बी.आई
उत्तर: A. सुप्रीम कोर्ट
3. अरविंद केजरीवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा?
– ए. नियमित निर्णय
– बी. विशेष उपचार दिया गया
– सी. अनुचित निर्णय
– डी. कोई टिप्पणी नहीं
उत्तर: बी. विशेष उपचार दिया गया
4. अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
– A. यह कोर्ट की अवमानना है
– बी. यह एक धारणा है
– सी. यह अप्रासंगिक है
– डी. यह सही है
उत्तर: बी. यह एक धारणा है
अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर रिहाई “अपवाद नहीं” थी और उन्होंने जो उचित समझा उसके आधार पर अपना निर्णय लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को क्यों दी अंतरिम जमानत?
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी क्योंकि उनका मानना था कि चुनाव लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं, वह एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख हैं, उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है और वह समाज के लिए खतरा नहीं हैं।
जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का रुख क्या है?
सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि जमानत नियम होना चाहिए और जेल अपवाद होना चाहिए, जैसा कि टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और ओडिशा भाजपा नेता सिबा शंकर दास जैसे अन्य राजनीतिक नेताओं को जमानत देने के उनके फैसले में देखा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले की आलोचनाओं पर क्या प्रतिक्रिया दी?
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर राजनीतिक नेताओं की टिप्पणियों से परहेज किया और इस बहस में शामिल नहीं हुआ कि क्या विशेष उपचार दिया गया था। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि अरविंद केजरीवाल की जेल वापस न जाने की टिप्पणी अदालत की अवमानना थी, उन्होंने इसे एक “धारणा” बताया और पुष्टि की कि उनके आदेश का पालन किया जाना चाहिए।
आज का करेंट अफेयर्स हमारे लिए खबर लेकर आया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर रिहाई को सुप्रीम कोर्ट ने अपवाद नहीं माना। अदालत ने स्पष्ट किया कि सरकार की आलोचना के बावजूद, उन्हें जो उचित लगा, उसके आधार पर उन्होंने अपना निर्णय लिया। अदालत ने यह भी घोषणा की कि वे भविष्य में श्री केजरीवाल की जमानत की अपील पर सुनवाई करेंगे। यह निर्णय अदालत की उस मान्यता का अनुसरण करता है कि जमानत नियम होनी चाहिए और जेल अपवाद। न्यायाधीशों ने अपने फैसले का समर्थन करने के लिए टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और ओडिशा भाजपा नेता सिबा शंकर दास को जमानत देने सहित पिछले मामलों का हवाला दिया। अदालत ने इस मामले पर राजनीतिक नेताओं की टिप्पणियों को भी नजरअंदाज करने का फैसला किया, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह मानना भी शामिल था कि विशेष उपचार दिया गया था। कुल मिलाकर, अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश में कानून के शासन के पालन के महत्व को उजागर करता है।